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Showing posts from September, 2018

Current Affairs -https:

आदर्श परिवर्तनीय कृत्रिम बुद्धिमत्ता अंतर्राष्ट्रीय केंद्र (Model- ICTAI) हाल ही में नीति आयोग, इंटेल और टाटा मूलभूत अनुसंधान संस्थान ने घोषणा की है कि कृत्रिम बुद्धिमत्ता व अनुप्रयोग आधारित शोध परियोजनाओं के विकास और क्रियान्वयन के लिये परिवर्तनीय कृत्रिम बुद्धिमत्ता आदर्श अंतर्राष्ट्रीय केंद्र (Model International Center for Transformative Artificial Intelligence -ICTAI) की स्थापना की जाएगी। यह पहल नीति आयोग के कार्यक्रम ‘कृत्रिम बुद्धिमत्ता के लिये राष्ट्रीय रणनीति’ का एक हिस्सा है। इसका उद्देश्य सूचना प्रौद्योगिकी से संबंधित नीतियों तथा मानकों का विकास करना है। बंगलूरू स्थित यह आदर्श ICTAI कृत्रिम बुद्धिमत्ता के आधारभूत ढाँचे को विकसित करने के साथ ही स्वास्थ्य देखभाल, कृषि और गतिशीलता के क्षेत्र में कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) आधारित समाधान की तलाश करेगा तथा उनका संचालन करेगा। यह आदर्श केंद्र अनुप्रयोग आधारित शोध को प्रोत्साहन देने के लिये AI तकनीकों का विकास करेगा। आदर्श ICTAI उद्योग जगत की हस्तियों, नवाचार उद्यमियों तथा AI सेवा प्रदाताओं के साथ सहयोग बढ़ाने पर विशेष ध्यान दे...

Indian Economy

In Indian economy introduction, the sectors of economy based on other basis is also required to get a clear picture of the strengths of Indian Economy. 1.Organized Sector:  The sector which carries out all activity through a system and follows the law of the land is called organized sector. Moreover, labour rights are given due respect and wages are as per the norms of the country and those of the industry. Labour working organized sector get the benefit of social security net as framed by the Government. Certain benefits like  provident fund, leave entitlement, medical benefits and insurance are provided to workers in the organized secto r. These security provisions are necessary to provide source of sustenance in case of disability or death of the main breadwinner of the family without which the dependent will face a bleak future. 2.Unorganized Sector : The sectors which evade most of the laws and don’t follow the system come under unorganized sector. S mall s...

जितना छोटा लर्निंग कर्व उतना सुख सफलता का

सफलता के लिए ढेर सारे कौशल और उन सबमें निपुणता की आवश्यकता हर्गिज़ नहीं  होती ..  सफलता के लिए सिर्फ एक  लक्ष्य और उस पैर लगातार काम करने की जरुरत होती है ....  दिमाग की सीमायें अनंत है | इसका जितना इस्तेमाल करे कम है | सीखने के लिए सारा जहा खुला है... इस सकारात्मक को और व्याख्या की जरुरत नहीं | पैर कितने लोग हैं जिनका दिमाग सक्रिय है और वे  जीवन में उतने ही सफल है या की जिन लोगो का आईक्यू औसत से ज्यादा है ,वे विद्वान् या बहुत बड़े ओहदों पैर हैं ?या जो कई वाद्य यन्त्र बजने मैं माहिर हैं ,वही अचे संगीत निर्माता हैं ?आम मनुष्य को ख़ास उसकी जन्मजात योग्यता या कौशल नहीं बनाता | बल्कि सफल होने के लिए सिमित लक्ष्यों के साथ इक्कागरता जरूरी होती है |  लर्निंग कर्व से समझें सीमाएं :जर्मन विशेषज्ञ  हरमन   एविनगो ने मनुष्य के दिमाग का  अध्ययन किया था | हम सब कुछ पा लें ,यह संभव तो नहीं | इसको आगे बढ़ाते हुए उन्होंने पहली बार  ' लर्निंग कर्व ' को परिभाषित किया था | हरमन ने एक प्रयोग के बाद निष्कर्ष  निकला की सिखने  के लिए जितन...